कंप्यूटर के हार्डवेयर बनाने के लिए कंपनी में कम जानकार आदमियो को भी रखा जा सकता हैं। लेकिन सॉफ्टवेयर बना रही कंपनी में जिन लोगों को सॉफ्टवेयर की जानकारी है उन्हें को जॉब मिल सकती है।
हार्डवेयर को हम अपनी आंखों से देख सकते हैं लेकिन सॉफ्टवेयर को नहीं देख सकते।
हार्डवेयर को बनाने के लिए हार्डवेयर समान की जरूरत होती है लेकिन सॉफ्टवेयर तो बनाने के लिए सिर्फ कंप्यूटर और प्रोग्राम सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।
हार्डवेयर के खराब होने के बाद ठीक कराया जा सकता है। लेकिन सॉफ्टवेयर को ठीक कराने के लिए कंप्यूटर को शॉप पर लेकर जाना पड़ता है, हो सकता है की कंप्यूटर में नया सॉफ्टवेयर डालना पड़े।
हार्डवेयर को बनाने के लिए बहुत सारे मशीनों की जरूरत पड़ती है जिसके लिए एक बड़ी कंपनी खोलना बहुत जरूरी है और सॉफ्टवेयर बनाने के लिए सिर्फ कंप्यूटर की जानकारी और सॉफ्टवेयर बनाने की जानकारी होनी चाहिए और इस हिसाब से कोई भी कहीं भी बैठकर सॉफ्टवेयर बना सकता है इसके लिए ज्यादा बड़ी कंपनी होने की जरूरत नहीं है।
हार्डवेयर को हम अपनी आंखों से देख सकते हैं लेकिन सॉफ्टवेयर को नहीं देख सकते।
हार्डवेयर को बनाने के लिए हार्डवेयर समान की जरूरत होती है लेकिन सॉफ्टवेयर तो बनाने के लिए सिर्फ कंप्यूटर और प्रोग्राम सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।
हार्डवेयर के खराब होने के बाद ठीक कराया जा सकता है। लेकिन सॉफ्टवेयर को ठीक कराने के लिए कंप्यूटर को शॉप पर लेकर जाना पड़ता है, हो सकता है की कंप्यूटर में नया सॉफ्टवेयर डालना पड़े।
हार्डवेयर को बनाने के लिए बहुत सारे मशीनों की जरूरत पड़ती है जिसके लिए एक बड़ी कंपनी खोलना बहुत जरूरी है और सॉफ्टवेयर बनाने के लिए सिर्फ कंप्यूटर की जानकारी और सॉफ्टवेयर बनाने की जानकारी होनी चाहिए और इस हिसाब से कोई भी कहीं भी बैठकर सॉफ्टवेयर बना सकता है इसके लिए ज्यादा बड़ी कंपनी होने की जरूरत नहीं है।
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