पर्सनल कम्प्यूटर क्या है ?


पर्सनल कंप्यूटर:-
पर्सनल कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटरों का एक रुप है इसको बोल चाल की भाषा में PC भी कहा जाता है इसका निर्माण समय की जरूरत के कारण हुआ पहले के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े, धीमे और कम विश्वसनीय थे उससे भी बुरी बात यह थी कि उनकी कीमत बहुत ज्यादा थी जो साधारण उपयोगकर्ता की पहुंच से बाहर थी समय के साथ कंप्यूटर के आकार में कमी हुई और उनकी ताकत बड़ी कीमत भी नई तकनीकों के कारण कुछ घटी परंतु तब भी बे केवल बड़ी बड़ी कंपनियों द्वारा खरीदे जाने लायक रहे. 1970 के बाद के समय में माइक्रोप्रोसेसर बनाए गए जिनसे माइक्रो कंप्यूटर का जन्म हुआ यह आकार में बहुत छोटे थे परंतु उनकी शक्ति बहुत ज्यादा थी इनकी कीमत भी ऐसी थी कि मध्यम श्रेणी की कंपनियां भी खरीद कर लगा सकती थी तब यह विचार पैदा हुआ कि ऐसा कंप्यूटर बनाया जाए जो हर एक आदमी का अपना कंप्यूटर हो जिसे एक साधारण आदमी खरीद सके.

" पर्सनल कम्प्यूटर व्यक्तिगत उपयोग के लिए छोटा, अपेक्षाकृत कम खर्चीला डिजाइन किया गया कम्प्यूटर है । यह माइक्रोप्रोसेसर प्रौद्योगिकी पर आधारित है । व्यापर में इसका उपयोग शब्द संसाधन, लेखांकन, डेस्कटॉप प्रकाशन, स्प्रेडशीट तथा डेटाबेस प्रबंधन आदि के लिए होता है । घर में पर्सनल कम्प्यूटर का उपयोग मनोरंजन के लिए, ई-मेल देखने तथा छोटे-छोटे दस्तावेज तैयार करने के लिए होता है । "

PC का विकास

दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी IBM ने सन 1981 में अपना पर्सनल कंप्यूटर बनाने की घोषणा की इसको आईबीएम PC कहा गया इसकी क्षमता बहुत कम थी वास्तव में यह केवल कंप्यूटर के शौकीनों के लिए बनाया गया था यह आकार में इतना छोटा था कि मेज के एक कोने पर भी रखा जा सकता था, परंतु यह इतना पसंद किया गया के सभी कंपनियां इसे बनाने के लिए दौड़ पडी इसके साथ ही इनकी ताकत बढ़ाने की भी कोशिश की गई जिससे PC-XT तथा PC-AT सामने आए.
प्रारंभ में सभी पीसी एमएस-डॉस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते थे विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास होने पर उनहे Windows पर चलाया जाने लगा जैसे जैसे windows का विकास होता गया वैसे-वैसे अधिक क्षमता की PC की आवश्यकता पड़ती गई इससे पेंटियम नाम से पर्सनल कंप्यूटर बाजार में आए जो कि आजकल सबसे ज्यादा प्रचलित है आजकल बड़े आकार के कंप्यूटर अंगुलियों पर गिरने लायक रह गए हैं. आज के पेंटियम कंप्यूटरों की शक्ति बड़े कंप्यूटरों की सत्य से टक्कर लेती है जबकि उनकी कीमत की तुलना में बहुत कम है शुरू में PC में लगाए जाने वाले प्रोसेसर 8 बिट के होते थे परंतु PC-AT तथा पेंटियमों में लगाए जाने वाले प्रोसेसर 16 या 32 बिट के होते हैं इनकी काम करने की गति बहुत अधिक होती है.
आजकल पुराने पीसी, PC-XT तथा PC-AT लगभग समाप्त हो गए हैं और केवल पेंटियम श्रेणी के PC अधिक प्रचलन में है इनकी गति बहुत तेज होती है तथा भंडारण क्षमता भी काफी अधिक होती है.

पीसी के भेद :-

PC के जन्म के बाद अब तक PC की कि कई पीढ़ियों सामने आ चुकी हैं उनमें मुख्य हैं PC-XT (Personal Computer – Extended Technology), PC-AT (Personal Computer – Advanced Technology), पेंटियम-1, पेंटियम-2, पेंटियम-3 तथा पेंटियम-4.
इनमें मुख्य अंतर प्रोसेसर तथा भंडारण क्षमता का होता है पीसी में लगाए जाने वाले माइक्रोप्रोसेसर इंटेल-8086 परिवार के होते हैं IBM ने अपने पहले पीसी के लिए इंटेल 8088 माइक्रोप्रोसेसर को पसंद किया था बाद के सभी IBM PC में इंटेल- 8086 परिवार के प्रोसेसर लगाए जाते हैं.

पीसी के मुख्य भाग (Main Parts Of PC)

कोई भी PC चाहे किसी भी प्रकार की हो PC-XT, PC-AT या पेंटियम और किसी भी कंपनी का बना हो उसके मुख्य भाग लगभग वही रहते हैं जिससे पूरा पर्सनल कंप्यूटर बनता है किसी कंप्यूटर के मुख्य भागों को उसका सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन (System Configuration) कहा जाता है.

पीसी में निम्नलिखित आवश्यक भाग होते हैं:-

1.सिस्टम यूनिट (System Unit)
2. मॉनिटर (Monitor)
3.की-बोर्ड (Keyboard)

4.प्रिंटर (Printer)
5.फ्लापी ड्राइव (Floppy Drive)
6.हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)
7.माउस (Mouse)
8.सीडी रोम ड्राइव (CD-ROM Drive)
इसके अलावा कंप्यूटरों में आवश्यकता के अनुसार निम्नलिखित भाग भी हो सकते हैं.
•जॉय स्टिक (Joystick)
•स्केनर (Scanner)
•स्पीकर (Speaker)
•माइक (Mike)
•सीडी-राइटर (CD-Writer)

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