Networking device


Network Repeater:-

हर operational computer या data communications network की एक specific Range होती है जहाँ तक उसकी service जा सकती है या वो अपने signal को send कर सकता है | लेकिन कभी कभार network को new/existing होस्ट तक पहुंचने के लिए signal को आगे तक पहुंचना होता है इस तरह के case मे network रिपीटर की service use कर सकता है जो की received signal को amplifies करते हुए आगे वाले destination/receiving nodes तक data को पंहुचा देता है | एक wireless repeater (जिसको की wireless range एक्सटेंडर भी बोलते है ) existing signal को wireless router or wireless access point से आगे फॉरवर्ड करने के लिए rebroadcasts करता है | जब दो या ज्यादा hosts IEEE 802.11 protocol को आपस मे connect करना होता है एवं distance ज्यादा होता है तो wireless repeater को इस gap को bridge करने के लिए use करते है | Wireless repeaters को ज्यादातर homes and small Offices मे signal range and strength इनक्रीस करने के लिए use करते है | wireless coverage को एक्सटेंड करने का एक better alternative है की secondary box को as a wireless access पॉइंट configure करो फिर LAN port से इस secondary box को primary box (router) की LAN port से wire से कनेक्ट करो and use करो |





Networking Hub :-

Hub एक नेटवर्क hardware device जो की multiple devices को आपस मे connect करने मे हेल्प करती है | जब हम एक नेटवर्क की बात करते है तो कहते है की हब एक most basic networking device है जो की multiple computers or other network devices को connects कर सकती है | एक network switch or router की तरह network हब की कोई routing tables or intelligence नहीं होती है एंड हब को ये नहीं पता होता है की डेटा information को कहा भेजना होता है इसलिए ये इनफार्मेशन या डेटा को सभी network कनेक्शन मे ब्रॉडकास्ट कर देता है |hubs basic network errors जैसे की collisions, को detect कर सकते है लेकिन information को multiple ports पर broadcast करना एक security risk हो सकता है | पहले के समय मे network hubs popular थे क्योकि ये switch or राऊटर के comparison मे कॉस्ट इफेक्टिव थे लेकिन आज switches भी बहुत सस्ते हो चुके है and do not cost much more than a hub इसलिए नेटवर्क के लिए switch much better सलूशन है |








Networking Router :-

Router एक हार्डवेयर डिवाइस है जो की इनकमिंग नेटवर्क पैकेट्स को रिसीव करने के बाद analyse करके दूसरे नेटवर्क मे forward या move करते है| अगर हम इंटरनेट के केस मे router की बात करते है तो राऊटर पैकेट्स को एनालाइज करके next network point का पता लगा कर packet को डेस्टिनेशन पर फॉरवर्ड करता है | Router पैकेट्स को दूसरे नेटवर्क इंटरफ़ेस मे कन्वर्ट, ड्राप या फिर दूसरा नेटवर्क रिलेटेड ऑपरेशन भी perform करता है | Routers को अगर simple language मे define किया जाये तो कहा जा सकता है की यह एक small electronic device होती है जो की multiple computer networks को wired or wireless connections की help से आपस मे connect करती है and जो भी packet router को receive होते है उनको analyse करके दूसरे नेटवर्क मे forward/pass करने का काम करती है | जब राऊटर के पास कोई पैकेट आता है तो router डेस्टिनेशन नेटवर्क का address एवं internal routing table चेक करने के बाद decide करता है की पैकेट को किस पोर्ट या नेटवर्क मे फॉरवर्ड करना है| Actually Routing डाटा के फ्लो को नेटवर्क सेग्मेंट्स के बीच और hosts or routers  के बीच मैनेज करने का process है | इस routing को मैनेज करने के लिए राऊटर एक table मैनेज करता है जिसमे network के दूसरे routers की information store होती है | 

Switch :-

Switch को इंटेलिजेंट डिवाइस भी कहा जाता है| स्विच को छोटे एवं बड़े सभी तरह के नेटवर्क मे use किया जा सकता है | स्विच मे जब किसी डिवाइस से कोई इनफार्मेशन आती है तो switch उस इनफार्मेशन को Broadcast नहीं करता|  Switch के पास अपना data स्टोर करने का स्पेस होता है जहाँ पर वो चेक करता है की आने वाला पैकेट किस  डिवाइस के लिए है | स्विच के पास सभी नेटवर्क devices के फिजिकल एड्रेस सेव होते है, उनको चेक करने के बाद स्विच इनफार्मेशन को सीधे उस डिवाइस पर भेज देता है एवं information को broadcast किये बिना| इससे नेटवर्क मे पैकेट ट्रांसफर की स्पीड भी फ़ास्ट होती है एवं network मे unnecessary ट्रैफिक भी नहीं बढ़ता | इसमे half /Full duplex transmission mode होता है | 

Networking Bridge :-

Bridge एक प्रकार का Computer Network Device है, जो एकही(Same) Protocol Use करने वाले Other Bridge Network के साथ Interconnect करता  है। Bridge Device ओपन सिस्टम इंटरकनेक्ट मॉडल ( The OSI Seven Layer Model) के Data Link Layer पर काम करता है और दो अलग अलग Network को एक साथ Connect और उन दोनों के बीच Communicate करता  हैं। Bridges, Repeaters and Hubs के जैसे ही हर Node से Data Broadcast(प्रसारण) करता हैं। Bridges का इस्तेमाल मुख्यतः Local Area Network में किया जाता है। Bridge का काम है Data packets के Destination को Examine करना (one at a Time) और Decide करना की Data Packets को Ethernet Segment की दूसरी Side मे Send करना है या नहीं।  Bridge, Media Access Control (MAC) के लिए Address Table को Maintain करता है जो की Data Packet के Fast Transmission  मे Help करता है जैसे ही कोई New Segment आता है तो उससे उसके ही Desired Recipient को भेज देता हैं।

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